मध्यप्रदेश में मई माह की शुरुआत बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा झटका लेकर आई है। विद्युत नियामक आयोग ने नए टैरिफ आदेश जारी किए हैं, जिसके अनुसार राज्य में बिजली दरों में औसतन 4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिनकी मासिक खपत 200 से 400 यूनिट के बीच है। यह वृद्धि आम उपभोक्ताओं के मासिक बिल को ₹50 से ₹100 तक बढ़ा सकती है।
नई दरों से बढ़ेगा उपभोक्ताओं का बोझ
बिजली वितरण कंपनियों ने 1 अप्रैल 2025 से नए आदेशों के तहत नई दरें लागू की हैं। इन नए आदेशों के तहत घरेलू बिजली दरों में प्रति यूनिट ₹0.18 की वृद्धि की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मियों में बिजली की खपत चरम पर होती है, और इस समय बिजली दरों का बढ़ना आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है।
नई दरें:
यूनिट सीमा | पुरानी दर (₹/यूनिट) | नई दर (₹/यूनिट) | बढ़ोतरी (₹) |
---|---|---|---|
0 – 50 यूनिट | ₹4.27 | ₹4.45 | ₹0.18 |
51 – 150 यूनिट | ₹5.23 | ₹5.41 | ₹0.18 |
151 – 300 यूनिट | ₹6.61 | ₹6.79 | ₹0.18 |
301 यूनिट से अधिक | ₹6.80 | ₹6.98 | ₹0.18 |
उपभोक्ता मंचों का विरोध
नए टैरिफ आदेशों के खिलाफ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, भारतीय वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन, महिला समिति, और मानव अधिकार क्रांति संगठन जैसी कई सामाजिक संस्थाओं ने विरोध जताया है। इन संगठनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत बढ़ी हुई दरों पर रोक लगाने की मांग की है।
बिजली हानि में बढ़ोतरी पर सवाल
उपभोक्ता संगठनों ने यह भी सवाल उठाया है कि मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा बिजली हानि प्रतिशत एक साल में 15.45% से बढ़कर 17.22% हो गया है। इसका मतलब है कि अधिक बिजली का नुकसान हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद नियामक आयोग ने इस मुद्दे पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। इससे उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है।
जबलपुर में तकनीकी खराबी से बिजली गुल
इस बीच जबलपुर के नयागांव स्थित 220 केवी सबस्टेशन में रविवार शाम को तकनीकी खराबी के कारण एक घंटे तक बिजली आपूर्ति बंद रही। इससे शहर के कई बड़े इलाके जैसे शक्ति भवन, रामपुर, आईटी पार्क, संजीवनी नगर और सूपाताल प्रभावित हुए। उपभोक्ताओं ने बिजली गुल होने की शिकायत कॉल सेंटर में दर्ज कराई।
गर्मी और महंगाई में दोहरी मार
गर्मी के मौसम में पहले ही बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है, और अब बिजली दरों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं के लिए संकट और बढ़ गया है। जहां एक ओर मौसम की तपिश बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर बढ़े हुए बिजली बिल के चलते आम जनता खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है।
मध्य प्रदेश में बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, और यह गर्मी के मौसम में एक और चुनौती साबित हो सकती है। उपभोक्ता संगठनों द्वारा विरोध जताए जाने और बिजली हानि में बढ़ोतरी की चिंताएं जारी हैं। अब देखना होगा कि सरकार और नियामक आयोग इस बढ़ी हुई दरों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करते हैं या नहीं।