26 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के लिए वर्चुअल भूमि पूजन किया था। इस परियोजना का उद्देश्य स्टेशन को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करना था, ताकि आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
निर्माण कार्य में देरी के कारण
रेलवे अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान और डिजाइन में बार-बार हुए बदलावों के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई है। अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्टेशन का निर्माण कार्य सिंहस्थ कुंभ के बाद शुरू किया जाएगा।
डिजाइन में बदलाव
भूमि पूजन के समय जो ड्राइंग बनाई गई थी, उसे अब तक दो बार बदला जा चुका है। आठ महीने पहले स्टेशन की ड्राइंग फिर से बदली गई थी। बार-बार आने वाली अड़चनों के चलते अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्टेशन का निर्माण कार्य कुंभ से पहले शुरू नहीं होगा।
सांसद अनिल फिरोजिया की प्रतिक्रिया
उज्जैन-आलोट के सांसद अनिल फिरोजिया ने स्वीकार किया है कि स्टेशन निर्माण में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि उज्जैन रेलवे स्टेशन को अगले दो सालों में एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से युक्त और भव्य रूप में तैयार किया जाना था। लेकिन प्लान में बदलाव के कारण देरी हो गई है।
प्रस्तावित सुविधाएं
उज्जैन रेलवे स्टेशन को लगभग 476 करोड़ रुपए की लागत से हाईटेक बनाया जाना था। इसमें यात्रियों के लिए कैफेटेरिया, मनोरंजन सुविधा के लिए रूफ प्लाजा, शहर के दोनों ओर (पुराना शहर और फ्रीगंज) को जोड़ने वाले स्टेशन भवन, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह और स्थानीय उत्पादों के लिए जगह जैसी सुविधाएं दी जानी थीं।
सिंहस्थ कुंभ के मद्देनजर तैयारियां
सिंहस्थ कुंभ में लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में रेलवे स्टेशन का भव्य रूप में तैयार होना आवश्यक है। हालांकि, निर्माण कार्य में देरी के कारण अब यह कार्य कुंभ के बाद शुरू होगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
उज्जैन रेलवे स्टेशन का कायाकल्प एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो सिंहस्थ कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। हालांकि, निर्माण कार्य में देरी हुई है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी वर्षों में यह परियोजना पूरी होगी और उज्जैन रेलवे स्टेशन एक भव्य और आधुनिक रूप में सामने आएगा।