भोपाल | कोरोना वायरस (Covid-19) जिसने पांच साल पहले दुनिया को थाम दिया था, एक बार फिर कई देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। भारत में भी कुछ राज्यों और शहरों में कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षणों वाले मामले सामने आए हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों को पुराने सुरक्षा नियमों को दोबारा अपनाने की सलाह दी है।
सिंगापुर और मलेशिया में केस बढ़ने से भारत हुआ सतर्क
जबलपुर संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में तेजी से केस बढ़ रहे हैं, जिससे भारत भी सतर्क हो गया है। भारत के कई शहरों — विशेषकर दिल्ली, मुंबई, और दक्षिण भारत के हिस्सों — में कोरोना जैसे लक्षण वाले मरीज सामने आए हैं।
क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग?
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सरकार ने अभी तक कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की है, लेकिन स्थानीय स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
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कोरोना से डरने की जगह सावधानी बरतना जरूरी है।
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अस्पतालों को तैयार रहने, टेस्टिंग बढ़ाने और रिपोर्टिंग सिस्टम को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं।
कौन सा वैरिएंट है सक्रिय?
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार,
वर्तमान में फैलने वाला संक्रमण ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट LF.7 और NB.1.8 के कारण है।
इसके लक्षण हल्के हैं:
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गले में खराश
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सर्दी-जुकाम
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हल्का बुखार
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थकान
क्या करें, क्या न करें: गाइडलाइन पर लौटने का समय
डॉ. मिश्रा ने जनता से अपील की है कि वे पहले की तरह कोरोना गाइडलाइन का पालन करें:
क्या करें:
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भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क पहनें
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2 गज की दूरी बनाए रखें
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सर्दी, खांसी या बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
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हाथों की सफाई पर ध्यान दें
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घर के बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें
क्या न करें:
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लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें
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बगैर जांच के खुद से दवा न लें
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सोशल डिस्टेंसिंग को हल्के में न लें
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भीड़ में बिना मास्क न जाएं
टीकाकरण की सुस्त रफ्तार बनी चिंता का कारण
डॉ. मिश्रा ने बताया कि पहले दो डोज तक टीकाकरण दर बहुत अच्छी रही थी:
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पहली डोज: 90% लोगों ने लगवाई
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दूसरी डोज: 68%
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तीसरी डोज (बूस्टर): दो अंकों में भी नहीं पहुंची
“बूस्टर डोज को नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है, क्योंकि यह सुरक्षा कवच को मजबूत करता है।”
भारत जैसे जनसंख्या वाले देश में खतरा ज्यादा
भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में अगर संक्रमण फैलता है, तो उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए जनता को जागरूक और जिम्मेदार बनना होगा।
हालांकि अभी हालात गंभीर नहीं हैं, लेकिन कोरोना वायरस के दोबारा उभरने के संकेत चिंताजनक हैं।
सावधानी, सतर्कता और सामूहिक जिम्मेदारी से ही इस बार भी हम संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं।