आधुनिक समय में हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। पुदीना (Mint) एक बहुउपयोगी औषधीय जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल दवाइयों, सौंदर्य उत्पादों, खाद्य सामग्री और हर्बल चाय से लेकर कई अन्य चीजों में होता है।
इसकी खेती कम समय में तैयार होती है, लागत भी बहुत कम है और मांग हमेशा बनी रहती है — यही वजह है कि यह किसानों के लिए “कमाई वाला सौदा” बन गई है।
पुदीना की खेती कैसे करें?
सही मौसम का चयन:
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न ज़्यादा गर्मी और न ज़्यादा सर्दी — हल्के और नम मौसम में पुदीना सबसे अच्छी उपज देता है।
उपयुक्त मिट्टी:
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pH लेवल: 6.5 से 7.5 के बीच
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मिट्टी का ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होना चाहिए ताकि पानी जमा न हो।
खेत की तैयारी:
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गहरी जुताई करें, मिट्टी को समतल बनाएं।
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प्रति एकड़ 10 टन गोबर की खाद मिलाएं।
रोपाई विधि:
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पुदीना की जड़ों को पंक्तियों में बेड बनाकर लगाया जाता है।
सिंचाई व्यवस्था:
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समय-समय पर हल्की सिंचाई करें।
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ध्यान रखें कि खेत में पानी भराव नहीं हो।
फसल अवधि:
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3 से 4 महीने में फसल पूरी तरह तैयार हो जाती है।
लागत और कमाई का पूरा गणित
विवरण | आंकड़ा (प्रति एकड़) |
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अनुमानित लागत | ₹20,000 से ₹25,000 |
संभावित कमाई | ₹1,00,000 से ₹1,50,000 |
मुनाफा | 3 गुना तक |

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फसल जल्दी तैयार होती है
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मेहनत कम और मुनाफा ज़्यादा
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हर्बल उत्पादों में बढ़ती डिमांड
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खाने-पीने, सौंदर्य और दवा उद्योग में बड़े पैमाने पर उपयोग
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मार्केटिंग और बिक्री में आसानी
पुदीना बेचें कहां?
पुदीना की बिक्री के कई आसान विकल्प उपलब्ध हैं:
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स्थानीय मंडियों में सीधे विक्रय
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फूड प्रोसेसिंग, दवा और कॉस्मेटिक कंपनियों को सप्लाई
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हर्बल प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से कांट्रैक्ट
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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर प्रोसेस्ड प्रोडक्ट के रूप में बिक्री
कम लागत में खेती का बड़ा अवसर
अगर आप खेती में कम लागत लगाकर ज़्यादा मुनाफा कमाने का विचार कर रहे हैं, तो पुदीना की खेती आपके लिए एक उत्तम विकल्प हो सकती है। सही मौसम, वैज्ञानिक तरीके और बाजार की जानकारी के साथ आप इस खेती से अपनी आमदनी कई गुना तक बढ़ा सकते हैं।