मध्यप्रदेश सरकार ने अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक नई तकनीकी पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में खनिज विभाग ने प्रदेश की सभी स्वीकृत 7,502 खदानों की जियो टैगिंग की है। इसके माध्यम से सैटेलाइट इमेज और रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अवैध उत्खनन की पहचान की जाएगी। यह प्रणाली खदान क्षेत्र के बाहर हो रहे अवैध उत्खनन का पता लगाने में सक्षम होगी।
पोर्टल और अलर्ट सिस्टम
खनिज विभाग ने एक विशेष पोर्टल विकसित किया है, जिसके माध्यम से सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण कर अवैध उत्खनन की पहचान की जाएगी। इस पोर्टल पर जिला कलेक्टर और जिला खनिज अधिकारी लॉग इन कर अलर्ट प्राप्त करेंगे। अलर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी फील्ड वेरिफिकेशन करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
ड्रोन सर्वे और वॉल्युमेट्रिक एनालिसिस
अवश्यकता पड़ने पर खदान या उसके बाहर ड्रोन सर्वे कर वॉल्युमेट्रिक एनालिसिस से वास्तविक उत्खनित मात्रा का पता लगाया जाएगा। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर अर्थदंड अधिरोपित किया जाएगा।
एआई आधारित मानव-रहित चेक-गेट्स
प्रदेश में 41 स्थानों पर एआई पर आधारित मानव-रहित चेक-गेट स्थापित किए जा रहे हैं। इन चेक-गेट्स में वेरीफोकल कैमरा, आरएफआईडी रीडर और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर की सहायता से खनिज परिवहन में संलग्न वाहनों की जांच की जाएगी। इससे अवैध खनिज परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
ई-खनिज पोर्टल 2.0: ऑनलाइन निगरानी और सेवाएं
खनिज विभाग ने ‘ई-खनिज पोर्टल 2.0’ लॉन्च किया है, जो खनन गतिविधियों की ऑनलाइन निगरानी और सेवाएं प्रदान करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से खदानों की अनुमति, रॉयल्टी भुगतान, परिवहन पारपत्र (e-TP) जैसी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इससे विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।
मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सैटेलाइट आधारित निगरानी प्रणाली, एआई तकनीक और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से खनिज विभाग ने खनन गतिविधियों की पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। इससे न केवल अवैध खनन पर रोक लगेगी, बल्कि खनन क्षेत्र में निवेश और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।