इंदौर मेट्रो सेवा का आज तीसरा दिन है और यात्री इसे लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। सुबह 8 बजे पहली मेट्रो ट्रेन रवाना हुई, जो पूरी तरह हाउसफुल रही। वर्तमान में तीन मेट्रो रेक चलाए जा रहे हैं, लेकिन भीड़ बढ़ने की स्थिति में रेक की संख्या बढ़ाई जा सकती है। मेट्रो प्रबंधन के अनुसार, रविवार के मुकाबले सोमवार को थोड़ी कम भीड़ देखी गई, लेकिन शुरुआत सकारात्मक मानी जा रही है।
तीन दिन में बड़ी सफलता: 26 हजार यात्री, MD ने दी टीम को बधाई
रविवार को मेट्रो सेवा के दूसरे दिन 26,000 यात्रियों ने सफर किया, जबकि पहले दिन यह संख्या 2,500 थी। यह तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता मेट्रो के प्रति लोगों के भरोसे को दर्शाती है। इस सफलता पर MPMRCL के मैनेजिंग डायरेक्टर संकेत भोंडवे ने पूरी टीम को बधाई दी है।
सख्त गाइडलाइन: नियम तोड़े तो जुर्माना या जेल
मेट्रो में यात्रा के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। यह नियम हर स्टेशन पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हैं ताकि यात्रियों को पहले से जानकारी हो और वे नियमों का उल्लंघन न करें। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और यहां तक कि जेल तक की सजा का प्रावधान है।
प्रमुख नियम इस प्रकार हैं:
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फर्श पर बैठने पर ₹200 जुर्माना
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शराब पीकर यात्रा करने या गुटखा थूकने पर टिकट जब्त और ₹200 फाइन
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महिला कोच में पुरुष चढ़ा तो 3 महीने की जेल + ₹250 जुर्माना
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कोच में स्टिकर या विज्ञापन चिपकाने पर सीधा जुर्माना
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सिर्फ दो सीलबंद शराब की बोतलें ले जा सकते हैं; खुला ढक्कन मिलने पर मान्य नहीं
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हथियार, पटाखे, चाकू, हथौड़े पर पूरी तरह रोक
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सिख समाज को 9 इंच तक की कृपाण ले जाने की अनुमति
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पालतू जानवर नहीं ले जा सकते
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प्रोफेशनल कैमरा लाने के लिए विशेष अनुमति आवश्यक
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खेलकूद का सामान अच्छी तरह पैक होना चाहिए
उद्घाटन और संचालन
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल से वर्चुअल उद्घाटन कर इंदौर मेट्रो को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद पहली मेट्रो दोपहर 12:09 बजे देवी अहिल्याबाई होल्कर टर्मिनल से रवाना हुई और 11 मिनट में वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन पहुंची। अब यह मेट्रो सुबह 8 बजे से लगातार 12 घंटे चल रही है। स्टॉपेज के कारण यात्रा का समय बढ़कर लगभग 23 मिनट हो गया है।
इंदौर मेट्रो शहर के लिए एक बड़ी सौगात बनकर सामने आई है। यात्रियों की भारी संख्या और कड़े नियमों के साथ मेट्रो प्रबंधन सुचारु संचालन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि लोग नियमों का पालन करें और प्रशासन सजग रहे, तो इंदौर मेट्रो भविष्य में एक आदर्श सार्वजनिक परिवहन मॉडल बन सकती है।