इंदौर के नवविवाहित राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम अपने हनीमून पर मेघालय के शिलांग गए थे, लेकिन यह सफर एक दिल दहला देने वाले मोड़ पर खत्म हुआ। 23 मई को लापता हुए राजा का शव 11 दिन बाद सोमवार को शिलांग की एक गहरी खाई से बरामद किया गया। यह खबर उनके परिवार के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं है।
राजा की पहचान उसकी कलाई पर बंधी स्मार्ट घड़ी और हाथ पर गुदे “राजा” नाम के टैटू से की गई। शव पूरी तरह गल चुका था, चेहरा पहचानना संभव नहीं था।
मां-पिता को अभी नहीं बताया: बेटे की मौत की खबर से अनजान
परिवार ने राजा की मां उमा और पिता अशोक को यह दिल तोड़ने वाली खबर अभी तक नहीं दी है। दोनों को टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रखा गया है। घर में मातम पसरा हुआ है, लेकिन मां रोज की तरह मंदिर जाती हैं और भगवान से अपने बेटे-बहू के सकुशल लौटने की प्रार्थना करती हैं।
परिजन दुविधा में हैं कि इस असहनीय सच्चाई को माता-पिता को कैसे बताया जाए।
शव को इंदौर लाया जाएगा
राजा के भाई सचिन और सोनम के भाई गोविंद शव को फ्लाइट से इंदौर ला रहे हैं। परिवार ने शिलांग में अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि “यह हमारा बेटा है, कम से कम मां-पिता को उसके अंतिम दर्शन करने दें।”
हत्या की आशंका, पुलिस ने दर्ज किया हत्या का केस
परिवार ने साफ तौर पर इसे “सोची-समझी साजिश” बताया है। शिलांग की ईस्ट खासी हिल्स पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है और विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
शव के पास एक महिला की शर्ट, दवाई, फोन की स्क्रीन का हिस्सा और घड़ी बरामद हुई, लेकिन राजा की सोने की चेन, अंगूठियां और तीन मोबाइल फोन गायब हैं।
रेस्टोरेंट मालिक, गाइड और गाड़ी मालिक पर शक
राजा के भाई और सोनम के परिवारवालों ने घटनास्थल पर जाकर खुद सर्चिंग में हिस्सा लिया। उनका कहना है कि जहां शव मिला, वहां आम आदमी नहीं पहुँच सकता। एक्टिवा बाइक 25 किमी दूर मिली और आरोपियों ने बार-बार जानकारी छिपाने की कोशिश की।
एक रेस्टोरेंट में विवाद, गाइड का अचानक लौट जाना और गाड़ी देने वाले की संदिग्ध चुप्पी ने शक और गहरा कर दिया है।
सोनम का अब तक कोई सुराग नहीं
अब पूरे परिवार को एक ही उम्मीद है—सोनम की सलामती। सोनम के परिवार के लोग भी इंदौर में राजा के घर पहुंचे हैं और लगातार उसके मिलने की दुआ कर रहे हैं।
ज्योतिषी की सलाह और सरकार से नाराज़गी
परिवार ने शुक्रवार को एक ज्योतिषी से संपर्क किया था, जिसने राजा और सोनम के अपहरण की आशंका जताई थी। उसने दावा किया था कि दोनों मंगलवार तक मिल जाएंगे, लेकिन सोमवार को राजा की मौत की खबर आई।
परिजन मेघालय सरकार से बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि आठ दिन तक मदद मांगने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और खराब मौसम का बहाना बनाया गया।