मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से किसानों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। खेतों में पराली जलाने वाले चार किसानों पर 37 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। अब प्रशासन इन किसानों पर एफआईआर भी करने की तैयारी कर रहा है। भोपाल जिले में पराली जलाने पर रोक है। इसके बावजूद भी किसानों ने अपने खेतों में पराली जलाई है। इसलिए कलेक्टर के निर्देश में यह कार्रवाई की गई है।
इन किसानों पर लगाया जुर्माना
हुजूर के एसडीएम विनोद सोनकिया के मुताबिक ग्राम परवलिया में खेत में पराली जलाई गई थी। इस कारण किसान गीता प्रसाद पिता किशनलाल पर 15 हजार रुपए का अर्थदंड रोपित किया गया है। वहीं, गब्बर सिंह पिता नवल सिंह ठाकुर पर 2500 रुपए, ग्राम परेवा खेड़ा के किसान राजेश पिता धनसिंह मीणा पर 15 हजार रुपए और होरीलाल पिता मिट्ठू लाल निवासी भोपाल पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
5 मई पराली जलाने पर है प्रतिबंध
एसडीएम सोनकिया ने बताया कि इन सभी के विरुद्ध एफआईआर की कार्रवाई भी की जा रही है। यहां बता दें, भोपाल जिले में 5 मई तक पराली जलाने पर रोक लगाई गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करते हुए पराली जलाने पर रोक लगाई थी, जो अब तक पूरे जिले में लागू है। इसके बावजूद किसान खेतों में पराली जला रहे हैं।
पराली जलाने से ये है नुकसान

शहर के चारों ओर किसानों की फसलें हैं, और पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है। भोपाल जिले में पराली (नरवाई) को बड़े पैमाने पर जलाया जाता है, जिससे खेतों की उर्वरता कम हो जाती है। कई बार ये आग रहवासी इलाकों तक भी पहुंच जाती है, जिससे आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
कलेक्टर के आदेश में बताया गया है कि अगर खेत में आग अनियंत्रित हो जाती है, तो इससे जन संपत्ति और प्राकृतिक वनस्पति, जीव-जन्तु को नुकसान होता है। इससे नुकसान तो होता ही है, साथ ही खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी खत्म हो जाती है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है।
उन्होंने बताया कि खेत में पड़ा कचरा, भूसा और डंठल जब सड़ते हैं, तो वे जमीन को स्वाभाविक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। इन्हें जलाना ऊर्जा की बर्बादी है। आग लगाने से हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं। इस समस्या का समाधान मल्चर के जरिए किया जा सकता है।