मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने यूजी (स्नातक) प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे पाठ्यक्रमों में केवल एक विषय में ही सप्लीमेंट्री की अनुमति होगी। यदि छात्र एक से अधिक विषयों में सप्लीमेंट्री प्राप्त करता है या किसी विषय की परीक्षा में अनुपस्थित रहता है, तो उसे फेल माना जाएगा।
नई गाइडलाइन का उद्देश्य
यह निर्णय नई शिक्षा नीति 2021 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक जिम्मेदार बनाना और परीक्षा के प्रति गंभीरता बढ़ाना है। पहले चार विषयों तक सप्लीमेंट्री की अनुमति थी, जिसे अब घटाकर एक कर दिया गया है।
परीक्षा संरचना में बदलाव
इस शैक्षणिक सत्र में छात्रों को कुल 10 विषयों की परीक्षाएं देनी होंगी। पिछले वर्ष 9 विषयों में से 4 में सप्लीमेंट्री थी, जबकि इस बार यह संख्या घटाकर 1 कर दी गई है। इसके अलावा, एमएसडब्ल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) में केवल बीएसडब्ल्यू (बैचलर ऑफ सोशल वर्क) पास छात्र ही प्रवेश ले सकेंगे।
प्रभावित छात्र
यह नया नियम बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से संबद्ध कॉलेजों के लगभग 78 हजार यूजी प्रथम वर्ष के छात्रों पर प्रभाव डाल सकता है। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई में और अधिक गंभीरता से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी।
क्या करें छात्र?
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पढ़ाई की योजना बनाएं: समय सारणी बनाकर नियमित अध्ययन करें।
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सभी विषयों पर ध्यान दें: केवल एक विषय पर निर्भर न रहें।
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पुनरावलोकन करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
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स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अच्छी नींद और संतुलित आहार लें।
मध्यप्रदेश में यूजी प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा के नियमों में बदलाव छात्रों के लिए एक चुनौतीपूर्ण कदम है। यह निर्णय छात्रों को अधिक जिम्मेदार और गंभीर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। छात्रों को इस बदलाव को सकारात्मक रूप में लेकर अपनी पढ़ाई में और अधिक मेहनत करनी होगी।