7 मई 2025 को, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों और सुरक्षा बलों को संभावित संकटों से निपटने के लिए तैयार करना था।
पुलिस लाइन नेहरू नगर में मॉक ड्रिल की रिहर्सल
पुलिस लाइन नेहरू नगर में आयोजित इस मॉक ड्रिल में विभिन्न आपातकालीन स्थितियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि हमले या आपदा के दौरान घायलों को प्राथमिक उपचार देने, उन्हें सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने और आग पर काबू पाने की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया। सीपीआर (CPR) देने की विधि भी सिखाई गई।
कलेक्टर की बैठक और अधिकारियों की तैयारी
रिहर्सल से पहले, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि 12 सेवाओं के मुख्य अधिकारियों को नामित किया गया है और एनडीआरएफ (NDRF) को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
मॉक ड्रिल की प्रमुख गतिविधियाँ
इस मॉक ड्रिल में कुल 6 मुख्य गतिविधियाँ शामिल थीं:
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पुलिस कंट्रोल रूम में ऑनलाइन सेवाओं की स्थापना, जहां से एयर रेड की सूचना प्राप्त हो सकती है।
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विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मॉक ड्रिल्स का आयोजन।
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सायरन बजने पर घर, दुकान, ऑफिस की सभी लाइटें बंद करना।
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सड़क पर चल रहे वाहनों को रोकना और उनकी हेडलाइट और बैकलाइट भी बंद करना।
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ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना।
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साइरन बजने के बाद स्थिति सामान्य होने पर नागरिकों को सूचित करना।
मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
मॉक ड्रिल से पहले, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबंधित जिलों के संभागायुक्त, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। भोपाल कमिश्नर संजीव सिंह, पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह भी इस बैठक में उपस्थित थे।
नागरिकों से सहयोग की अपील
कलेक्टर सिंह ने नागरिकों से अपील की कि वे इस मॉक ड्रिल के दौरान अफवाहों से बचें और घबराएं नहीं। यह केवल एक अभ्यास है और सभी गतिविधियाँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी।
इस मॉक ड्रिल ने नागरिकों और सुरक्षा बलों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान की। ऐसे अभ्यास भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे ताकि नागरिक सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।