मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने राज्य के कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य सुविधा की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘सीएम केयर’ योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा, जबकि पेंशनर्स को 5 लाख रुपये तक की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह योजना राज्य के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभान्वित करेगी।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
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कैशलेस इलाज: कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक और पेंशनर्स को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा।
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सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू: इसमें नियमित, संविदा, शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, नगर सैनिक, पंचायत सचिव, आशा-उषा कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम रोजगार सहायक, सहायक, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, नगर सैनिक, कर्मचारी जो राज्य के स्वायत्त संस्थानों में कार्यरत हैं, को शामिल किया गया है।
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कैबिनेट से मंजूरी की प्रक्रिया: वित्त और स्वास्थ्य शिक्षा विभाग ने योजना को अंतिम रूप दे दिया है और मुख्यमंत्री के साथ प्रस्ताव पर आखिरी बातचीत के बाद इसे जल्दी ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी।
वर्तमान व्यवस्था में सुधार:
वर्तमान में, कर्मचारियों को इलाज के खर्च का रिफंड पाने के लिए विभाग में आवेदन करना पड़ता है, जो समय लेने वाली प्रक्रिया है। नई योजना से कर्मचारियों को तुरंत इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी पुरानी मांग पूरी होगी।
योजना की आवश्यकता:
कर्मचारियों को इलाज के लिए पहले विभाग में आवेदन करना पड़ता है, जिससे रिफंड पाने में समय लगता है। कई बार बजट की कमी के कारण कर्मचारियों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। नई योजना से कर्मचारियों को तुरंत इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी पुरानी मांग पूरी होगी।
यह योजना कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत है, जो लंबे समय से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रहे थे।