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सरकारी योजना के मकान किराए पर दिए तो अब होगी बड़ी कार्रवाई, ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ में गड़बड़ी पर सरकार सख्त

मुख्य बिंदु:

  • फ्लैट में किराएदार या रिश्तेदार मिले तो होगा आवंटन रद्द
  • एक ही परिवार को दो बार योजना का लाभ नहीं मिलेगा

  • सर्वे में अवैध कब्जा, फर्जी दस्तावेज और एक से ज्यादा फ्लैट की भी हो रही जांच

अगर आपने हाउसिंग फॉर ऑल (Housing For All) योजना के तहत सरकारी फ्लैट लिया है और उसे किराए पर दे रखा है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ऐसे आवंटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। अब ऐसे लोगों का फ्लैट आवंटन निरस्त किया जा सकता है, और उन्हें दोबारा कोई सरकारी आवास नहीं मिलेगा।

दक्षिण-पश्चिम विधानसभा से हुई सर्वे की शुरुआत

राजधानी में 21 अप्रैल से जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा सर्वे शुरू किया गया है। शुरुआत दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से हुई है। यह सर्वे करीब एक महीने तक चलेगा, जिसमें सरकारी योजनाओं के तहत आवंटित सभी फ्लैट्स की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

क्या देखा जा रहा है सर्वे में?

सर्वे के दौरान ये प्रमुख बातें जांची जा रही हैं:

  1. फ्लैट में खुद आवंटी रह रहा है या नहीं

  2. फ्लैट किराए पर दिया गया है या खाली पड़ा है

  3. फ्लैट में अवैध कब्जा तो नहीं है

  4. कहीं एक व्यक्ति को एक से ज्यादा फ्लैट तो नहीं मिले

अब तक क्या सामने आया?

अब तक अंबेडकर नगर के केवल 84 फ्लैट्स का सर्वे किया गया है, जिनमें से 6 फ्लैट ऐसे पाए गए हैं, जिनमें किराएदार रह रहे थे — यानी लगभग 7% फ्लैट का दुरुपयोग हुआ है।

किरायेदार या रिश्तेदार मिले तो रद्द होगा आवंटन

Pradhan Mantri Awas Yojana: Housing for All

अगर किसी फ्लैट में हितग्राही खुद न रहकर किरायेदार या परिवार का कोई अन्य सदस्य रह रहा है, या फ्लैट का कोई उपयोग ही नहीं हो रहा, तो ऐसे मामलों में आवंटन को तत्काल निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

क्या कहता है नियम?

हाउसिंग फॉर ऑल योजना के नियमों के अनुसार:

  • एक व्यक्ति को जीवन में केवल एक बार इस योजना का लाभ मिल सकता है।

  • अगर व्यक्ति फ्लैट किराए पर देता है या उसका व्यावसायिक उपयोग करता है, तो योजना का उल्लंघन माना जाएगा।

  • दूसरी बार योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

इन कॉलोनियों में होना है सर्वे:

  • अंबेडकर नगर

  • आराधना नगर

  • राहुल नगर

  • श्याम नगर

  • शबरी नगर

  • मद्रासी कॉलोनी

  • अर्जुन नगर
    (अन्य प्रोजेक्ट एरिया भी शामिल)

कौन कर रहा है सर्वे?

6 सदस्यों की सर्वे टीम बनाई गई है, जिसमें शामिल हैं:

  • नायब तहसीलदार

  • पटवारी

  • नगर निगम का राजस्व अमला

  • स्वच्छता अमला

  • पुलिस विभाग

सर्वे में मिले चौंकाने वाले तथ्य:

1. अवैध कब्जे:

कई फ्लैट्स में ऐसे लोग पाए गए हैं जो बिना किसी वैध दस्तावेज के रह रहे हैं।

2. फर्जी लाभ:

कुछ लाभार्थियों ने एक से ज्यादा फ्लैट हड़प लिए हैं। रिकॉर्ड से नाम और फ्लैट मिलान कर गड़बड़ी पकड़ी जा रही है।

सर्वे के बाद क्या होगा?

प्रशासन की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि:

  • गलत तरीके से आवंटित या किराए पर दिए गए फ्लैट्स का आवंटन निरस्त किया जाएगा।

  • फर्जी लाभ लेने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

  • रिक्त फ्लैट्स को नए पात्र आवंटियों को सौंपा जाएगा।

अगर आप ‘हाउसिंग फॉर ऑल‘ जैसी योजनाओं का लाभ लेकर उसे किराए पर चला रहे हैं या खुद न रहकर किसी और को रख रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए। प्रशासन की नजर अब ऐसे हर मकान और हर आवंटी पर है। नियमों का उल्लंघन करने पर आपको न सिर्फ फ्लैट गंवाना पड़ सकता है, बल्कि भविष्य में सरकारी योजनाओं से भी वंचित किया जा सकता है।

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