मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर 31 मई 2025 से आधिकारिक रूप से मेट्रो सिटी बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का भोपाल से वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इस मेट्रो सेवा की शुरुआत एक 6 किलोमीटर लंबे रूट से की जाएगी, जो गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर 3 तक फैला है।
पहले सप्ताह फ्री में कर सकेंगे सफर
शुभारंभ के अवसर पर प्रशासन ने यात्रियों को एक खास सौगात दी है – पहले सप्ताह तक मेट्रो में यात्रा पूरी तरह निशुल्क रहेगी। यह कदम इंदौरवासियों को मेट्रो से परिचित कराने और सुविधा का अनुभव देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मेट्रो की खासियतें: हाईटेक डिज़ाइन और आधुनिक सुविधाएं
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एक ट्रेन में क्षमता: 980 से ज्यादा यात्री
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ट्रेन की लंबाई: 67 मीटर (3 कोच)
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रफ्तार: 80–100 किलोमीटर/घंटा
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प्रत्येक स्टेशन पर ठहराव: 2 मिनट
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स्टेशनों के बीच समय: 2–3 मिनट
बैठने और खड़े होने की पर्याप्त जगह
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कोच में आमने-सामने की लंबी सीटें
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प्रत्येक कोच में बैठने की जगह: 45 यात्री
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खड़े होकर यात्रा कर सकने की क्षमता: 300+ यात्री
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स्वचालित दरवाजे और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की सुविधा
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ट्रेन का पहला और तीसरा कोच ड्राइविंग के लिए डिज़ाइन किया गया है
भविष्य में ऑटोमैटिक ऑपरेशन
फिलहाल मेट्रो का संचालन लोको पायलट करेंगे, लेकिन भविष्य में ट्रेनें पूरी तरह ऑटोमैटिक मोड पर चलेंगी। यह तकनीकी उन्नयन सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुरक्षित और कुशल बनाएगा।
भविष्य के रूट और सर्कुलर कनेक्टिविटी
इंदौर मेट्रो का यह पहला चरण एक बड़े मास ट्रांजिट नेटवर्क की नींव है। आगे चलकर शहर में चार प्रमुख रूट विकसित किए जाएंगे। प्रस्तावित मार्गों में शामिल हैं:
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एयरपोर्ट
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रेडिसन चौराहा
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पलासिया
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बंगाली चौराहा
इन रूट्स के ज़रिए शहर को एक सर्कुलर मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यातायात का बोझ कम होगा और यात्रियों को तेजी से गंतव्य तक पहुंचने में सुविधा मिलेगी।
किराया और यात्रा समय: क्या रहेगा अंदाज़ा?
हालांकि शुरुआती सप्ताह में यात्रा निशुल्क रहेगी, लेकिन उसके बाद किराया स्टेशन-टू-स्टेशन दूरी पर आधारित होगा।
संभावित किराया:
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₹10 से ₹30 के बीच
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6 किलोमीटर यात्रा का समय: लगभग 10 से 12 मिनट
इंदौर मेट्रो की यह शुरुआत न केवल शहर को स्मार्ट सिटी की दिशा में अग्रसर करेगी, बल्कि आम यात्रियों को एक तेज़, सुरक्षित और पर्यावरण-संवेदनशील परिवहन विकल्प भी देगी। यह परियोजना मध्यप्रदेश के शहरी विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।