मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने 13 मई 2025 को आयोजित कैबिनेट बैठक में किसानों, पर्यटकों और वन्यजीवों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इन निर्णयों से राज्य की कृषि, पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर और वन्यजीव सुरक्षा को नया दिशा मिलेगा।
जंगली हाथियों से बचाव के लिए ₹47 करोड़ की योजना
राज्य सरकार ने जंगली हाथियों के कारण होने वाली फसलों और मानव जीवन की हानि को रोकने के लिए ₹47 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत हाथियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, रैपिड एक्शन टीमों का गठन होगा और ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे हाथियों के हमलों में कमी आएगी और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
किसानों को गेहूं की खरीदी पर ₹2,600 प्रति क्विंटल मूल्य
किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की नीति में बदलाव किया गया है। अब किसानों को ₹2,600 प्रति क्विंटल मिलेंगे, जिसमें ₹2,425 MSP और ₹175 बोनस शामिल हैं। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और बिचौलियों से बचाव होगा। इसके लिए सरकार ने ₹1,400 करोड़ का बजट निर्धारित किया है और 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा है।
मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र के ज्योर्तिलिंगों का धार्मिक सर्किट
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों ने मिलकर महेश्वर, ओंकारेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर और घृणेश्वर जैसे प्रमुख ज्योर्तिलिंगों को जोड़ने वाले धार्मिक सर्किट की योजना बनाई है। इससे श्रद्धालुओं को एक ही यात्रा में इन सभी स्थानों की यात्रा करने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती पर विशेष कैबिनेट बैठक
20 मई को इंदौर के राजवाड़े में देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के अवसर पर विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। इसके तहत उनकी लिपि “मोड़ी” के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
किसानों को धान पर ₹4,000 प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन
किसानों को धान की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर ₹4,000 का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे लगभग 6.70 लाख किसानों को लाभ होगा और 12.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए सरकार ने ₹480 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।
राजस्व भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए ₹138.41 करोड़ की स्वीकृति
राजस्व भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए ₹138.41 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इससे भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। डिजिटलीकरण कार्य मध्य प्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति के माध्यम से खुले निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा।