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MP News: मोहन यादव सरकार फिर लेगी 4500 करोड़ का कर्ज, डीए और लाड़ली बहना योजना की किस्तें करेंगे जमा

मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार चालू वित्त वर्ष में दूसरी बार 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज दो हिस्सों में—2000 करोड़ और 2500 करोड़ रुपए—का होगा, जिसकी प्रक्रिया 3 जून को आरबीआई के माध्यम से शुरू होगी और भुगतान 4 जून को किया जाएगा। यह राशि राज्य सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA), लाड़ली बहना योजना की किस्तों और मानसून से पहले के निर्माण कार्यों के भुगतान के लिए उपयोग करेगी।

इससे पहले मई में सरकार ने 5000 करोड़ रुपए (दो हिस्सों में 2500-2500 करोड़) का कर्ज लिया था। इस तरह 2025-26 के केवल दो महीनों में सरकार पर कुल कर्ज का बोझ 9500 करोड़ रुपए बढ़ चुका है।

अब राज्य पर कुल कर्ज की राशि 4.31 लाख करोड़ रुपए (431740.27 करोड़) तक पहुंच गई है। इस कर्ज में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मार्केट लोन की है जो 2.67 लाख करोड़ से अधिक है।

लोन की शर्तें और अवधि:

  • पहला नया लोन: 2000 करोड़ रुपए, अवधि 16 साल, परिपक्वता: 4 जून 2041

  • दूसरा नया लोन: 2500 करोड़ रुपए, अवधि 18 साल, परिपक्वता: 4 जून 2043

मई में लिए गए लोन:

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  • 7 मई को लिया गया पहला कर्ज: 2500 करोड़, 12 साल के लिए (परिपक्वता: 2037)

  • दूसरा कर्ज: 2500 करोड़, 14 साल के लिए (परिपक्वता: 2039)

राजस्व स्थिति पर सरकार का दावा:

सरकार का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य को 12487.78 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष रहा। उस वर्ष कुल आय 234026.05 करोड़ रुपए और व्यय 221538.27 करोड़ रुपए रहा। 2024-25 के संशोधित अनुमान के अनुसार भी सरकार को 1025.91 करोड़ का सरप्लस है।

सरकार पर कर्ज का विस्तृत ब्यौरा:

  • मार्केट लोन: 267879.41

  • कंपनसेशन व अन्य बॉन्ड: 5152.44

  • वित्तीय संस्थाओं से कर्ज: 17190.83

  • केंद्र से कर्ज और एडवांस: 74759.16

  • अन्य लायबिलिटीज: 14135.07

  • स्माल सेविंग्स फंड की स्पेशल सिक्योरिटीज: 42623.35
    कुल कर्ज: 431740.27 करोड़

हालांकि सरकार राजस्व अधिशेष की स्थिति में होने का दावा कर रही है, लेकिन लगातार बढ़ते कर्ज से राज्य की वित्तीय स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इन ऋणों से मिलने वाली राशि का उपयोग वास्तव में विकास और जनहित में कितनी पारदर्शिता और प्रभावशीलता से किया जाता है।

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