इंदौर के एमआर-10 क्षेत्र में ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए एक नया चार लेन रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाया जाएगा, जो मौजूदा ओवरब्रिज के समानांतर होगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सिंहस्थ 2028 से पहले सुगम आवागमन सुनिश्चित करना है।
रेलवे से मिली मंजूरी, टेंडर की तैयारी शुरू
रेलवे ने इस ब्रिज की जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (GAD) को मंजूरी दे दी है। अब इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) द्वारा टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि गर्मियों में निर्माण कार्य आरंभ किया जा सके।
नया आरओबी: डिजाइन और लागत
-
नया ब्रिज चार लेन का होगा
-
अनुमानित लागत: ₹60 करोड़
-
निर्माण समयसीमा: 2 वर्ष
-
निर्माण के बाद मौजूदा ब्रिज को एक ओर का और नए ब्रिज को दूसरी ओर का ट्रैफिक संभालने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
कनेक्टिविटी और एक्सपेंशन प्लान
-
एमआर-4 सड़क को चौड़ा कर इसे एमआर-10 से जोड़ा जाएगा।
-
यह ब्रिज सुपर कॉरिडोर और उज्जैन रोड के ट्रैफिक को हैंडल करेगा।
-
एमआर-10 और सुपर कॉरिडोर को मिलाकर पूरी सड़क 8 लेन की हो जाएगी।
आईएसबीटी और ट्रैफिक बढ़ोतरी का असर
-
कुमेड़ी में बन रहे इंटर स्टेट बस टर्मिनल (ISBT) के शुरू होने से आरओबी पर ट्रैफिक और बढ़ेगा।
-
वर्तमान में ब्रिज से 30,000+ वाहन रोजाना गुजरते हैं, जबकि पहले यह संख्या 10,000 से कम थी।
-
क्षेत्र में टाउनशिप, कॉलोनियों और औद्योगिक इकाइयों के विकास के चलते ट्रैफिक में निरंतर वृद्धि हो रही है।
पुराने ब्रिज के समानांतर नया निर्माण क्यों जरूरी?
-
पुराना ब्रिज 2007 में बना था और अब वह बॉटलनेक बन चुका है।
-
दोनों ओर चौड़ाई बढ़ाना तकनीकी रूप से कठिन होने के कारण नया समानांतर ब्रिज बनाना ज्यादा उपयुक्त है।
-
नदी पर बने ब्रिज की चौड़ाई भी बढ़ाकर आठ लेन की जाएगी।
इंदौर के एमआर-10 पर नया चार लेन आरओबी बनाना, शहर के ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ आने-जाने वालों को राहत देगा, बल्कि सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान शहर को ट्रैफिक जाम से भी बचाएगा।