माधव सेवा न्यास में कमरे की फर्जी बुकिंग कर 6200 रुपए की ठगी
उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन हाल के दिनों में यहां आने वाले भक्तों को ऑनलाइन ठगी का शिकार होना पड़ रहा है। रविवार रात को छिंदवाड़ा से आए एक भक्त ब्रजेश सिंह और उनके साथियों के साथ ऑनलाइन कमरा बुकिंग के नाम पर 6200 रुपए की धोखाधड़ी की गई।
यूट्यूब पर मिला फर्जी नंबर, कॉलर ने भेजा बारकोड
ब्रजेश सिंह ने बताया कि उज्जैन आने से पहले उन्होंने यूट्यूब पर माधव सेवा न्यास का संपर्क नंबर खोजा। एक वीडियो में उन्हें एक नंबर (9928608027) मिला, जिस पर कॉल करने पर खुद को “ऋषभ जैन” बताने वाले व्यक्ति ने बात की। आरोपी ने माधव सेवा न्यास की फर्जी फोटो भेजकर ब्रजेश से भरोसा जीत लिया और दो कमरों की बुकिंग के नाम पर 6200 रुपए ठग लिए।
पहले बारकोड के माध्यम से 3150 रुपए लिए गए। फिर यह कहकर बाकी पैसे भी ऐंठ लिए गए कि जब तक पूरा पेमेंट नहीं होगा, तब तक गार्ड उन्हें अंदर नहीं घुसने देगा।
पहुंचने पर हुआ सच्चाई का खुलासा
जब ब्रजेश सिंह अपने साथियों सहित माधव सेवा न्यास पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि उनकी कोई बुकिंग नहीं हुई है। ठगी का एहसास होते ही उन्होंने महाकाल थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी अब भी सक्रिय, कर रहा है फर्जी बुकिंग
चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी का मोबाइल नंबर अब भी सक्रिय है और वह लगातार अन्य भक्तों को भी इसी तरह फंसा रहा है। पुलिस द्वारा तत्काल कोई सख्त कार्रवाई न किया जाना इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है।
भक्तों से अपील: सतर्क रहें और आधिकारिक स्रोत से ही करें बुकिंग
ब्रजेश सिंह ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे यूट्यूब या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिले अनजाने नंबरों पर भरोसा न करें। कमरा बुक करने के लिए स्वयं सेवा न्यास जाकर या फिर उनके अधिकृत वेबसाइट या संपर्क सूत्रों से ही बुकिंग करें।
मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग
पंडित श्रवण अग्निहोत्री ने इस पूरे मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उज्जैन मुख्यमंत्री का गृह नगर है, इसलिए मुख्यमंत्री को स्वयं इस मामले में संज्ञान लेकर पुलिस को सख्त कार्रवाई के आदेश देने चाहिए। यह न सिर्फ श्रद्धालुओं की सुरक्षा का मामला है, बल्कि उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक छवि का भी प्रश्न है।
महाकाल जैसे पवित्र स्थल पर श्रद्धालुओं के साथ हो रही ठगी बेहद निंदनीय है। यह केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि लोगों की आस्था से खिलवाड़ है। आवश्यक है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर जल्द से जल्द ऐसे ठगों पर लगाम लगाएं और भक्तों के विश्वास को टूटने से बचाएं।