मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर लगी पाबंदी में दी गई छूट की समयसीमा को बढ़ा दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा शुक्रवार, 30 मई 2025 को जारी आदेश में तबादलों की यह तारीख 30 मई से बढ़ाकर 10 जून 2025 कर दी गई है।
तबादला तारीख बढ़ाने की वजह: शिथिलता और बढ़ती मांग
सरकार ने स्पष्ट किया कि तबादलों की तारीख शिथिलता और बड़ी संख्या में प्राप्त आवेदनों को ध्यान में रखते हुए बढ़ाई गई है। शिक्षा, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग में हजारों आवेदन आने के कारण यह निर्णय लिया गया।
स्कूल शिक्षा विभाग में 35,000 से अधिक आवेदन
तबादलों के लिए सबसे ज्यादा आवेदन स्कूल शिक्षा विभाग से आए हैं। केवल इस विभाग में ही 35,000+ ट्रांसफर रिक्वेस्ट दर्ज की गई हैं। इसके अलावा राजस्व और स्वास्थ्य विभागों में भी भारी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं।
नई तबादला नीति 2025: प्रमुख बिंदु
सरकार ने ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई नीति के तहत कई महत्वपूर्ण प्रावधान लागू किए हैं:
1. विधायकों की सहमति जरूरी
- जिस क्षेत्र में कर्मचारी का ट्रांसफर होना है, वहां के विधायक की सहमति प्राथमिकता होगी — चाहे वह भाजपा के हों या कांग्रेस के।
2. तीन साल से अधिक एक जगह पर तैनाती नहीं
- एक स्थान पर तीन वर्ष से अधिक की तैनाती न होने का नियम लागू किया गया है।
3. पति-पत्नी के संयुक्त ट्रांसफर को प्राथमिकता
- सरकारी कर्मचारी दंपतियों के इच्छानुसार एक स्थान पर ट्रांसफर को प्राथमिकता दी जाएगी।
4. 10% सीमा नियम
- किसी भी विभाग में एक बार में कुल कर्मचारियों के 10% से अधिक का ट्रांसफर नहीं होगा। अधिक संख्या में ट्रांसफर के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक होगी।
5. अटैचमेंट की व्यवस्था समाप्त
- अब किसी भी कर्मचारी को अटैचमेंट के आधार पर पदस्थ नहीं किया जाएगा। केवल रेगुलर ट्रांसफर ही मान्य होगा।
ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों मोड में स्वीकार हो रहे आवेदन
ट्रांसफर प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। इसकी निगरानी सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर, संभागायुक्त, और जिला पंचायत सीईओ कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश सरकार की यह नई नीति न केवल तबादलों में पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करेगी, बल्कि कर्मचारियों को उनकी परिवारिक व कार्यगत आवश्यकताओं के अनुरूप तैनाती का अवसर भी प्रदान करेगी।
मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं ।जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)