मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आज लाड़ली लक्ष्मी उत्सव बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर प्रदेश भर में “एक पेड़ लाड़ली लक्ष्मी के नाम” अभियान भी चलाया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत 48 लाख लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के नाम पर पौधारोपण किया जाएगा। जन-प्रतिनिधियों और लाड़ली बालिकाओं द्वारा मिलकर पौधे लगाए जाएंगे, जिससे बेटियों के सम्मान के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा।
लाड़ली लक्ष्मी योजना: बेटियों को सशक्त करने की पहल
लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत वर्ष 2006 में हुई थी और अब तक 48 लाख बेटियां इससे जुड़ चुकी हैं। इस योजना का उद्देश्य बेटियों को शिक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान प्रदान करना है।
उत्सव की मुख्य गतिविधियाँ
लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का संचालन स्वयं लाड़ली बालिकाओं द्वारा किया जाएगा, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा:
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कन्या पूजन और दीप प्रज्वलन
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मोटिवेशनल स्पीच द्वारा बेटियों की प्रेरणादायक कहानियाँ
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अपराजिता कार्यक्रम के अंतर्गत मार्शल आर्ट प्रदर्शन
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अनुभव साझा करेंगी लाड़ली क्लब की सदस्य बालिकाएं
पुरस्कार और सम्मान
इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतों को भी विशेष मान्यता दी जाएगी।
आश्वासन पत्र का वितरण
प्रत्येक लाड़ली बालिका को एक आश्वासन प्रमाण-पत्र भी वितरित किया जाएगा, जिसमें उसके उज्जवल भविष्य का संकल्प लिया गया है।
उद्देश्य: सशक्त बेटियाँ, सशक्त समाज
लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करना है। यह आयोजन बेटियों को सामाजिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
“एक पेड़ लाड़ली लक्ष्मी के नाम” न केवल पर्यावरण की रक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए लिया गया सामूहिक संकल्प भी है। यह उत्सव हर जिले, हर पंचायत और हर घर तक बेटियों के महत्व का संदेश पहुँचाता है।