इंदौर: देश की आत्मनिर्भरता को बल देने और विदेशी खासकर चीन और बांग्लादेश के उत्पादों के बहिष्कार के उद्देश्य से इंदौर में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की शुरुआत हो गई है। अभियान की शुरुआत राजबाड़ा स्थित देवी अहिल्या बाई होलकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ की गई, जिसके बाद व्यापारी संगठनों ने शहर के 17 प्रमुख बाजारों में संपर्क यात्रा की।
इस अभियान का नेतृत्व देवी अहिल्या चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभियान का उद्देश्य स्वदेशी वस्त्रों और उत्पादों को बढ़ावा देना है, ताकि स्थानीय व्यापार को सशक्त किया जा सके।
8 जून को होगा शपथ समारोह:
इस आंदोलन को औपचारिक रूप देने के लिए 8 जून को विशेष शपथ समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें 125 व्यापारी संगठन ‘लोकल फॉर वोकल’ की शपथ लेंगे। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला और नेशनल ट्रेड वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन सुनील सिंघी भी शामिल होंगे।
संयुक्त सचिव अक्षय जैन ने बताया कि इंदौर के सभी प्रमुख व्यापारिक संगठनों को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए विशेष संपर्क यात्रा की जा रही है।
व्यापारी संगठनों का स्पष्ट संदेश:
व्यापारिक संगठनों का कहना है कि जो देश भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं, उनके साथ व्यापारिक संबंध नहीं रखे जाएंगे। अभियान के तहत व्यापारियों से विदेशी कपड़े और सामान न बेचने की अपील की जा रही है।
इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन पहले ही विदेशी कपड़ों का बहिष्कार कर चुका है। इन कपड़ों को दुकानों से हटाकर प्रतीकात्मक होली जलाने की कार्रवाई भी की गई है। अब यह संदेश शहर के कोने-कोने तक फैलाया जा रहा है।
92 हजार लोगों को किया गया जागरूक, डेटा बेस तैयार
इस जन-जागरूकता अभियान को व्यापक रूप देने के लिए एक कॉल सेंटर के माध्यम से अब तक 92 हजार लोगों को कॉल कर विदेशी वस्त्र न खरीदने की अपील की जा चुकी है। हर दिन 12 से अधिक वालंटियर कॉल कर लोगों को अभियान से जोड़ रहे हैं। अभी तक 4.5 लाख लोगों का डेटा तैयार किया जा चुका है ताकि यह अभियान जन आंदोलन का रूप ले सके।
राजबाड़ा से शुरू हुई इस मुहिम में व्यापारी प्रतिनिधि इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन, सराफा बाजार, कपड़ा मार्केट, सीतलामाता बाजार, खजूरी बाजार, स्टेशनरी संघ सहित 17 प्रमुख संगठनों से संपर्क कर रहे हैं। इनसे आग्रह किया जा रहा है कि वे विदेशी उत्पादों का त्याग करें और स्वदेशी को अपनाएं।
‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान इंदौर में न केवल एक व्यापारिक रणनीति, बल्कि एक देशभक्ति आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। यदि यह जन स्तर तक पहुंचा तो इंदौर मॉडल देशभर में आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा बन सकता है।