मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी सोलर पंप योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, राज्य में 52,000 सोलर पंप स्थापित किए जाएंगे, जिससे लगभग 250 मेगावाट की क्षमता का सृजन होगा। यह पहल किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऊर्जा को राज्य ग्रिड को बेचने का अवसर भी देगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
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सोलर पंपों की स्थापना:
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किसानों को 3 से 7.5 हॉर्स पावर तक के सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे।
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इन पंपों की कुल लागत का 90% राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाएगा, जबकि किसान को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा।
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जियो टैगिंग और निगरानी:
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सभी सोलर पंपों की जियो टैगिंग की जाएगी, जिससे उनकी वास्तविक स्थिति की निगरानी की जा सकेगी और अनुदान की डुप्लीकेसी से बचा जा सकेगा।
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ऊर्जा का वैकल्पिक उपयोग:
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सोलर पंपों से उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग चाफ कटर, आटा चक्की, कोल्ड स्टोरेज, ड्रायर, बैटरी चार्जर आदि कार्यों में किया जा सकेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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पंजीकरण प्रक्रिया:
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किसान मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अधिकृत पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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पंजीकरण के लिए 5,000 रुपये की राशि ऑनलाइन भुगतान करनी होगी।
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योजना की अवधि:
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यह योजना मार्च 2028 तक प्रभावी रहेगी।
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वित्तीय सहायता और ऋण व्यवस्था:
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किसानों को 5 से 10 प्रतिशत राशि मार्जिन मनी के रूप में जमा करनी होगी।
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बाकी राशि बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे किसानों को आसान किश्तों में चुकाना होगा।
लाभार्थी चयन और पात्रता:
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किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
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किसान के पास पहले से कोई विद्युत पंप कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
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किसान को योजना के तहत पंजीकरण करना होगा और सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा।
प्रभाव और भविष्य की दिशा:
यह योजना न केवल किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा को बेचने के अवसर से उनकी आय में भी वृद्धि होगी। साथ ही, यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों को सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से “वर्षा मित्र” कौशल विकास कार्यक्रम भी शुरू किया गया है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
कुल मिलाकर, मध्यप्रदेश की सोलर पंप योजना एक हरित क्रांति की ओर कदम है, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने, कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।